
तालिबान ने आईपीएल के प्रसारण पर लगाई रोक – अफगानिस्तान के लोग राशिद जैसे खिलाडी को खेलते हुए क्यों नहीं देख पाएंगे
एक तरफ Taliban के द्वारा क्रिकेट पर रोक नहीं लगाए जाने पर क्रिकेट प्रेमी खुश है वही IPL के लेके अफगानिस्तान के लोग निराश है। क्योकि अब वे अपने मुल्क के प्लेयर्स को आईपीएल में खेलते हुए नहीं देख पाएंगे।
अफगानिस्तान मिडिया और न्यूज चैनल ने अफगानिस्तान में IPL के बैन होने की जानकारी दी। क्युकी तालिबान ने मिडिया आउटलेट्स को आईपीएल का प्रसारण नहीं करने की चेतावनी दी है। आईपीएल के प्रसारण अफगानिस्तान में रोक का कारण सिर्फ इतना है है कि इंडियन प्रीमियर लीग टूर्नामेंट में महिला दर्शक मौजूद है। ये तो बात जगजाहिर है कि तालिबानियों को महिलाओ के बाहरनिकलने से सख्त नफरत है।
अफगानिस्तान में IPL का प्रसारण रोके जाने कि जानकारी एक न्यूज चैनल के जर्नलिस्ट फवाद अमान ने दी है। उन्होंने टवीट किया
‘वाहियात, तालिबान ने अफगानिस्तान में आईपीएल (IPL) के प्रसारण पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। तालिबान ने चेतावनी दी है कि अफगान मिडिया आउटलेट्स आईपीएल को ब्रॉडकास्ट ना करे, क्योकि इसमें लड़कियां नाचती है और स्टेडियम में दर्शक के रूप में भी मौजूद रहती है।’
Ridiculous: Taliban have banned the broadcasting of Indian Premier League (IPL) in Afghanistan.
Taliban have warned that Afghan media outlets should not broadcast the Indian Cricket League due to girls dancing and the presence of female audience and spectators in stadiums.— Fawad Aman (@FawadAman2) September 21, 2021
IPL 2021 – तालिबान ने लगाया आईपीएल पर प्रतिबंध- अब नहीं होंगे एक भी मैच टेलीकास्ट
IPL 2021 के दूसरे चरण कि शुरुआत रविवार को चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के मैच से हुई। दोनों टीमों के बीचयह मुकाबला दुबई में १९ सितम्बर को खेला गया था। आईपीएल पूरी दुनिया में पसंदीदा टी20 लीग है। इस लीग में अगानिस्तान के क्रिकेटर भी हिस्सा ले रहे है। हालाँकि अफगानी लोग अपने राशिद जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के आईपीएल लीग में खेलते नहीं देख पाएंगे। इसका कारण तालिबान ने अफगान मिडिया को आईपीएल मैचों के प्रसारण ना करने कि चेतावनी दी है।
अफगानिस्तान में अब तालिबान के नियम कायदे
तालिबान का महिलाओ के प्रति रुख कैसा है, ये हम जानते है। हालाँकि अबकी बार उन्होंने महिलाओ को कुछ क्षेत्रो में काम करने कि अनुमति दी है। लेकिन खेलो में महिलाओ के खेलने पर पूरी तरह से विपरीत है। तालिबान ने पहले ही साफ़ कर दिया था कि अफगानिस्तान कि महिलाये किसी भी खेल का हिस्सा नहीं होंगी। जबकि पुरुष आराम से खेल सकते है। पुरुषो को खेलने पर हमारा पूरा समर्थन है।
अफगानिस्तान क्रिकेट के पूर्व CEO हामिद शिनवारी ने कहा था,
यह कहने में बहुत अच्छा लग रहा है कि तालिबान अपने आने के बाद से ही देश में क्रिकेट के विकास का समर्थन कर रहा है। अब तक, मैंने देश में क्रिकेट के विकास में कोई बाधा नहीं देखि है वे सहायक रहे है।
लेकिन तालिबानियों कि इन बातो का कोई फायदा दिखाई नहीं दे रहा। क्योकि तालिबान के सपोर्ट से खिलाडी आईपीएल और बाकि जगह खेलने तो जा रहे है लेकिन उनके देशवासी उन्हें देख नहीं पा रहे है। वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि वहां स्टैंड्स में महिलाएं मौजूद है. उनका मोटो सिम्पल है, हम अपने यहां की महिलाओं को अधिकार देंगे नहीं, और अगर दुनिया देती है तो उसको अपने यहां दिखाएंगे नही।